January 5, 2011

अकेला कलम...: गार्ड

अकेला कलम...: गार्ड

'गार्ड ' नाम सुनते ही ,
आने लगता है नज़र ,
एक सुन्दर पोशाक
पहना हुआ वह व्यक्ति ,
जो खड़ा होता है
प्रवेश द्वारों पर , परिवार
के भरण - पोषण के लिए ,
सज - धज कर ।
शायद ,
इस फूल पर ,
नहीं पड़ी निगाह ,
किसी कांटे की ,
हुआ भी अच्छा ही ।
नहीं पड़ी निगाह
किसी कांटे की
वरना ........
बन जाता खतरा ,
इस तबके के
बचे - खुचे अस्तित्व पर ।

23 comments:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति, पैनी दृष्टि।

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  2. धन्यवाद इस रचना के लिये

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  3. सराहनीय अभिव्यक्ति।

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  4. Ye baat to kabhee dimaag me aayee hee nahi thee!

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  5. कुछ ही लाइनें ...मगर प्रभाव छोड़ गयीं !

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  6. bhai pandeyji comments ke liye dhanyvad.aapka blog aur kavita dono sundar hian.wish you a happy new year

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  7. kuchh baate dil me utar gayi ,abhi agra gayi thi aur wahan guide bhi mile rahe aapki rachna unki yaad dila gayi phir se .laazwaab .

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  8. इस कविता में अपने समय और समाज की गहरी पहचान नज़र आता है। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    ‘देसिल बयना सब जन मिट्ठा’ का प्रथम पाठ पढाने वाले महाकवि विद्यापति

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  9. समाज का चेहरा। लेकिन एकाशा कि अभी कुछ तो बचा है नष्ट होने से। अच्छी लगी रचना। बधाई।

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  10. अभी तो इस तबके का अस्तित्‍व बने रहने की संभावना है. आपकी कविता के बाद क्‍या होगा, कौन जाने.

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  11. प्रभावशाली प्रस्तुति

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  12. सच है की समाज को आईना दिखा रही है आपकी पोस्ट ... प्रभावी अभिव्यक्ति ...

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  13. अगली बार जब भी गार्ड को देखूंगी तो आपकी यह रचना अवश्य याद आएगी...
    धन्यवाद...

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  14. sach kahte hai bahut sunder post...

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  15. बहुत सुन्दर और प्रभावशाली प्रस्तुति| धन्यवाद|

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  16. बहुत सुन्‍दर.
    shiva12877.blogspot.com

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  17. बहुत सुन्दर सत्या जी कल्पनाओं का पुट मगर मजबूत
    सुन्दर रचना
    बहुत बहुत शुभकामना

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  18. बहुत सुन्दर ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  19. बहुत सुन्दर प्रस्तुति


    आप सभी का थोड़ा सा सहयोग चाहता हूँ कृपया मेरे लेखो पर थोरी द्रष्टि डाले और मुझे महत्वपूर्ण सुझाव दे

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तेजी से भागते हुए कालचक्र में से आपके कुछ अनमोल पल चुराने के लिए क्षमा चाहता हूँ,
आपके इसी अनमोल पल को संजोकर मैं अपने विचारों और ब्लॉग में निखरता लाऊंगा।
आप सभी स्नेही स्वजन को अकेला कलम की तरफ से हार्दिक धन्यवाद !!

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